फाजिलका (पंजाब वार्ता ब्यूरो)- पिछली दिनी मुख्यमंत्री जी द्वारा पंजाब में पहली बार प्री प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ते बच्चों को वर्दियां बांटने का ऐतिहासिक फैसला लिया था लेकिन प्री प्राइमरी बच्चों को वर्दियां बांटने संबंधी ग्रांट जारी तो कर दी गई थी लेकिन कुछ अधिकारियों द्वारा इन वर्दियां की खरीद स्कूल मैनेजमेंट कमेटी द्वारा करवाने की बजाएं खुद ही कर ली गई जिस कारण अध्यापक युनियनों द्वारा इसका विरोध किया गया जिस पर शिक्षा मंत्री ने संज्ञान लेते हुए तुरंत आदेश जारी किए और अनियमिताओं की जांच शुरू कर दी गई और आज इस की पहली गाज जिला शिक्षा अधिकारी तरनतारन पर गिरी। काबिलेजिकर है कि ग्रांट जारी होने के दो महीने बाद भी मुख्यमंत्री जी की बच्चों को सर्दियों की वर्दियां बांटने की योजना अफसरशाही की भेंट चढ़ गई। आज से लगभग एक महीना पहले जिला फाजिल्का के सभी स्कूलों से बच्चों की वर्दियों की खरीद के बिल ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों द्वारा एकत्रित कर लिए गए थे लेकिन यह भी जांच का विषय है कि एक महीने से बिल लेकर दफ्तर को दें दिए गए लेकिन उन बिलों से खरीदी गई वर्दियां कहा है यह किसी को भी पता नहीं न ही तो इस संबंधी स्कूल मुखी, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी और शिक्षा अधिकारी कोई जवाब दे पा रहे हैं कि अगर एक महीना पहले वर्दियां खरीद ली गई है तो वर्दियां आज तक बच्चों को मिली क्यों नहीं। उस समय आनन फानन में शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूल मुखियों को आदेश जारी कर जल्द से जल्द बिल लाकर दफ्तर जमा करवाने के आदेश जारी कर दिए बाजार में वर्दियां उपलब्ध न होने के कारण अध्यापकों को मजबूरन इतने बड़े शहर में सिर्फ एक या दो दुकानों से ही बिल लेकर देने पड़े क्योंकि पैसों संबंधी कोई स्थिति स्पष्ट न होने के कारण कोई दुकानदार वर्दियां देने के लिए तैयार नहीं था।
ग्रांट संबंधी स्पष्ट आदेश जारी न करना कहीं न कहीं उच्च अधिकारियों की नाकामी को दर्शाता है जिसका का खामियाजा छोटे छोटे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
गवर्नमेंट टीचर्स यूनियन फाजिल्का के जिला संरक्षक भगवंत भटेजा,जिला प्रधान परमजीत सिंह शोरेवाला, जिला महासचिव निशांत अग्रवाल, जिला वित्त सचिव अमनदीप सिंह, परमजीत मम्मू खेड़ा,विनय कुमार, राकेश माहर, राजीव चगती, सतपाल सिंह आदि ने बताया कि वर्दियों में हो रही देरी संबंधी यूनियन द्वारा एक मांग पत्र पिछले महीने शिक्षा अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री जी को भेज कर इन बच्चों को वर्दियां उपलब्ध करवाने संबंधी जल्द आदेश जारी कर स्कूल की मैनेजमेंट कमेटी को वर्दियां खरीदने संबंधी फंड उपलब्ध करवाने की मांग कि गई थी ताकि हरेक स्कूल अपनी मर्जी से रंग और क्वालिटी का चयन कर सके।