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4 हजार लोगों से 3 करोड़ की ठगी लड़की की आवाज में बात कर फंसाते  

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राजस्थान में प्लेबॉय का जाॅब दिलाने के नाम पर ठगी का रैकेट चल रहा है। जयपुर से लेकर राजस्थान के हर छोटे-बड़े शहर में मोटी तनख्वाह पर अमीर घरों की और NRI महिलाओं के लिए प्लेबॉय की जॉब ऑफर की जा रही है। इसके लिए सोशल मीडिया से लेकर पब्लिक प्लेसेज पर पोस्टर चिपकाकर प्रचार किया जा रहा है। सैंकड़ों युवा रोजाना इस नए तरीके के ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं। बदनामी के डर से वो सामने भी नहीं आ रहे।

इसका खुलासा हुआ जब 8 फरवरी 2023 को दिल्ली की सायबर क्राइम पुलिस ने जयपुर के दो लोगों को गिरफ्तार किया। दिल्ली पुलिस ने बताया- दोनों आरोपी ‘प्लेबॉय जॉब’ के ऑनलाइन एड निकालते थे। इसी के जरिए 4 हजार युवाओं से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 3 करोड़ की ठगी को अंजाम दे चुके हैं। लड़की की आवाज में बात कर युवकों को फंसाया जा रहा था। आरोपियों के अलग-अलग बैंक अकाउंट में 2 करोड़ से भी ज्यादा रुपए के ट्रांजैक्शन मिले। ठगी के करीब 85 लाख रुपए उनके खातों में जमा थे। दोनों आरोपी कुछ समय पहले तक होटलों में रूम बॉय और रिसेप्शनिस्ट की मामूली जॉब करते थे।

दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दिल्ली के ही रहने वाले एक शख्स ने कंप्लेंट दी थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह गूगल पर ऑनलाइन जॉब सर्च कर रहा था। तभी वह “SP Playboy services.com URL (https://www.spplayboyservices.com) नाम की एक वेबसाइट पर आया। वेबसाइट में दिए गए नंबर (8955567601) पर कॉन्टैक्ट किया। प्लेबॉय की जॉब देने के नाम पर उससे 2499 रुपए रजिस्ट्रेशन के लिए मांगे गए। ये रुपए जमा कराने के बाद में वॉट्सऐप पर उसे एक आई कार्ड जारी किया गया। इसके बाद उससे 40 फीसदी एडवांस कमीशन, मसाज किट, पास कोड चार्ज और होटल बुकिंग चार्ज के नाम पर रुपए की मांग की गई। उसने कुल 39,190 रुपए जमा करवा दिए। इसके बाद भी उसे जॉब नहीं दी गई। उसने ये रुपए वापस मांगे तो उसे बदनाम करने की धमकियां दी गईं। इसी शिकायत पर दिल्ली साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

इस तरह आरोपियों तक पहुंची पुलिस

दिल्ली पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन के दौरान वेबसाइट के डोमेन नेम, सर्वर स्पेस और कॉल डिटेल खंगालते हुए मनी ट्रेल की पड़ताल की तो जयपुर का लिंक सामने आया। 25 जनवरी को कुलदीप सिंह चारण नाम के आरोपी को जयपुर में मानसरोवर इलाके के थड़ी मार्केट से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सामने आया कि धोखाधड़ी के इस खेल में उसके साथ उसी के गांव दांतरा का रहने वाला श्याम लाल योगी भी शामिल था। वो भी जयपुर में ही मानसरोवर इलाके में रह रहा था। दोनों का जॉइंट बैंक अकाउंट था, जिसमें ठगी की रकम जमा हो रही थी। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।

6 साल से चल रहा था ऑनलाइन ठगी का खेल

इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि कुलदीप और श्याम लाल साल 2017 से प्लेबॉय सर्विसेज, जिगोलो सर्विसेज और एस्कॉर्ट सर्विसेज के नाम पर ठगी का कारोबार चला रहे थे। छह साल में आरोपी 4 हजार से ज्यादा लोगों को ठग चुके थे। एक दर्जन से ज्यादा बैंक खाते खुलवा रखे थे। दोनों ही आरोपियों के पास से पुलिस ने 4 मोबाइल फोन, 18 सिम कार्ड, 200 से ज्यादा प्ले बॉय मेम्बरशिप आई कार्ड एक लैपटॉप, एक डेस्कटॉप कम्प्यूटर सिस्टम, एक इंटरनल हार्ड डिस्क, 2 एसडी कार्ड, 21 एटीएम कार्ड, दर्जन भर पास बुक और चेक बुक जब्त किए।

होटल में मामूली काम करने वालों ने बना लिया करोड़ों की ठगी का रैकेट

दिल्ली पुलिस के नॉर्थ आउटर डीसीपी देवेश महेला ने बताया कि जयपुर के कुलदीप और श्यामलाल दोनों कुछ दिनों पहले तक होटल में मामूली काम करते थे। वहीं उन्हें जिगोलो और प्लेबॉय जॉब के नाम से ठगी करने का आइडिया आया। 29 साल के कुलदीप सिंह चारण ने ठगी के इस कारोबार में आने से पहले 5 साल तक जयपुर के 3 होटलों में रूम बॉय का काम किया था। उन्हीं होटलों में 33 साल का श्याम लाल योगी रिसेप्शनिस्ट था। इसके बाद श्याम लाल ने प्लेबॉय एस्कॉर्ट सर्विसेज, डेटिंग सर्विसेज के अलावा कुछ ऑनलाइन साइबर फ्रॉड पर काम किया।

श्याम लाल बीएबीएड है और अंग्रेजी बोल सकता है। जॉब के लिए अप्लाई करने वाले युवाओं से वो लड़की की आवाज निकालकर NRI लेडी क्लाइंट बनकर बात करता था। वहीं कुलदीप महज आठवीं पास है। डीसीपी देवेश महेला ने बताया कि दोनों ने एक आईटी ग्रेजुएट से अपनी वेबसाइट बनवाई। दोनों के अलग-अलग कुल 11 बैंक अकाउंट की पड़ताल में सामने आया कि रजिस्ट्रेशन अमाउंट 2499 रुपए की एंट्री की तादाद के आधार पर अब तक ये 4 हजार से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। इनके अकाउंट में करीब 85 लाख रुपए भी मिले हैं, जिनका डेबिट अब फ्रीज करवा दिया गया है।

17 साल के पीड़ित की कहानी से समझिए, कैसे चलता है ठगी का ये खेल

‘मेरी उम्र 17 साल है और मैं बीकानेर जिले का रहने वाला हूं। मैं 12वीं में पढ़ रहा हूं और तीन भाई-बहन में दूसरे नंबर का हूं। दसवीं की बोर्ड परीक्षा में भी 96 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। दसवीं पास करने के बाद 4 दिसंबर 2021 के दिन पापा के पास गांव के ही राहुल पूनिया का फोन आया और उसने कहा कि आपका बेटा पढ़ाई में बहुत होशियार है, उसे बढ़िया सैलेरी पर आईटी कंपनी में जॉब दिलवा देता हूं। पापा ने हामी भर दी और मुझे राहुल के साथ बीकानेर भेज दिया।’

रोज प्लेबॉय जॉब की पोस्ट करनी होती थी वायरल

‘राहुल ने बीकानेर की जय नारायण व्यास कॉलोनी में एक रात राहुल सिंवर के घर रुकवाया। अगले दिन इसी कॉलोनी में किराए पर मकान लिया गया। वहां मेरे गांव के पास के ही गांव के राहुल, आशीष, अभिषेक, सुनील, प्रमोद और पंजाब के रहने वाले लोकेश विश्नोई के साथ मुझे रखा गया। दो-तीन लोग और भी थे, जिन्हे मैं नहीं जानता। यहां मुझे कहा गया कि यही हमारा ऑफिस है। इसके बाद एक फोन दिया गया और बताया कि इसी पर काम करना है। इस फोन में नए फेसबुक और वॉट़्सऐप ग्रुप बनाए गए थे। कहा गया कि रोजाना शाम 4 बजे वो एक पोस्ट बनाकर मुझे देंगे, जिसे वायरल करना होगा और जो मैसेज आएंगे उन्हें रिप्लाई करना होगा।’

उसी शाम उन्होंने मुझे एक सोशल मीडिया पोस्ट तैयार करके दी। इसमें लिखा था ‘जॉब जॉब जॉब …प्लेबॉय जॉब… अब आपके शहर में। इसके लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर पर कॉन्टैक्ट कीजिए। इसके नीचे जो नंबर लिखे थे, वो मुझे दिए गए मोबाइल के ही नंबर थे। मैं ज्यादा कुछ समझा नहीं। सोचा कोई ऑनलाइन जॉब का काम होगा। इसके बाद वो पोस्ट मैंने उनके बताए गए फेसबुक अकाउंट और वॉट्सऐप ग्रुप में पोस्ट कर दी। इसके बाद कई लोगों ने मेरे वॉट्सऐप नंबर पर मैसेज किया, जो जॉब पाना चाहते थे।

इसके बाद अगले दिन मुझे बताया गया कि जो भी ये जॉब पाना चाहते हैं, उनसे रजिस्ट्रेशन करवाना है। उनसे कंपनी के बैंक अकाउंट में 1500 रुपए जमा कराने हैं। इसके बाद उन्हें कंपनी मेंबरशिप का कार्ड दिया जाएगा, तभी वो ये जॉब कर पाएंगे। मैंने बताए अनुसार, उन सभी लोगों को रजिस्ट्रेशन प्रोसेस समझाते हुए मैसेज रिप्लाई कर दिए। कई लोग ये अमाउंट जमा करवाकर मेंबर बनने के लिए तैयार हो गए। उन्हें बैंक अकाउंट का नंबर भेजा गया और उनकी फोटो और आई कार्ड मांगे गए। रोजाना 8-10 लोग अमाउंट जमा करवाकर अपना मेम्बरशिप कार्ड बनवा रहे थे। ये मेम्बरशिप कार्ड भी फोटोशॉप पर एडिट करके तैयार किए जाते थे।

लड़केलड़कियों की आवाज में बात कर बेवकूफ बनाते

रेगुलर चल रही नए रजिस्ट्रेशन की इस प्रोसेस के बीच ही पुराने मेंबर रोजाना जॉब डिमांड कर मैसेज भेज रहे थे। मुझे बताया गया कि ऐसे लोगों से उनके शहर का पिन कोड नंबर मांगों। इसके बाद उसी शहर में कोई महंगे होटल को ऑनलाइन सर्च किया जाता। वहां की गूगल लोकेशन उन बेचारों को भेज दी जाती। सोशल मीडिया से अमीर महिलाओं की फोटो उठा कर उन्हें भेजी जाती।

हमारे ऑफिस यानि उस किराए के घर में मौजूद कुछ लड़के फीमेल वॉइस में बात करने के एक्सपर्ट थे। वो औरतों की आवाज में लोगों से रोमांटिक बातें करते और उसी होटल में बुलाते। इस पूरी प्रोसेस के दौरान भी उनसे पार्टी मीटिंग और एडवांस के नाम पर 20-30 हजार रुपए बैंक अकाउंट में जमा करवा लिए जाते। पूरी प्रोसेस करने के बाद जब वो होटल पहुंचते तो किसी न किसी बहाने से दुबारा औरत की आवाज में बात करते हुए मीटिंग कैंसिल कर दी जाती।

प्लेबॉय मेंबरशिप कार्ड वायरल करने की धमकी देते

परेशान लोगों को जब ठगी का अहसास होता तो वे अपने रुपए वापस मांगते। इस पर कई दिन तक तो उन्हें जल्दी ही काम देने की बात पर टरकाया जाता। जब ये तरीका फेल होने लगता तो उन्हें रिफंड लेने के लिए भी कुछ फिक्स अमाउंट जमा करने के लिए कहा जाता। कई लोग पुलिस कंप्लेंट की धमकी देते तो उन्हें उनकी फोटो लगा प्लेबॉय मेम्बरशिप कार्ड घर पर स्पीड पोस्ट से भेजे जाने की धमकी दी जाती। इतना ही नहीं उन्हें धमकाया जाता कि उनकी वॉट्सऐप चैटिंग और कार्ड इंटरनेट पर वायरल किया जाएगा। बदनामी के डर से इसके बाद वो दुबारा कॉन्टैक्ट ही नहीं करते।

काम करने से मना किया तो धमकाया

मुझे कुछ दिनों के बाद ही पता चल गया कि मैं गलत काम करने वालों के चंगुल में फंस गया हूं। पापा कई बार मुझे पूछते भी थे कि तेरे अकाउंट में इतने रुपए कैसे आ रहे है ? मैं उन्हें सैलेरी बता देता। कुछ दिनों बाद मैंने ये काम करने से मना कर दिया और गांव जाने की जिद कर दी। इस पर घर में मौजूद सभी आरोपियों ने मुझे धमकाया और डराया। 7-8 महीने बाद मैं गांव आया था और वापस दुबारा वहां नहीं लौटा।

22 अक्टूबर 2022 के दिन में गांव में ही कटिंग करवाने सैलून पर गया था। तभी वहां अभिषेक और आशीष कार से आए और मुझे उठाते हुए कार में पटक दिया। वहां से मुझे एक नजदीक के गांव ले गए। दोनों ने मेरे साथ जमकर मारपीट की। मेरा मोबाइल और घड़ी छीन ली। इसके बाद मुझे वापस एक पुलिया पर पटक गए। इसी दिन बाद में राहुल ने पापा को फोन कर धमकाया कि अपने बेटे को वापस हमारे पास भेजो, नहीं तो उसे हम मार देंगे। हम डर गए थे। 4 जनवरी 2023 को राहुल ने एक बार फिर पापा को कॉल किया और कहा कि तेरे बेटे को आज तक हमने जो रुपया दिया है, वो वापस करो। नहीं तो तुझे और तेरे बेटे को मार देंगे। पापा ने उन्हें कहा कि हम गरीब हैं। हमारे पास रुपए नहीं हैं।

इस पर राहुल ने कहा कि रुपए नहीं है तो चेक दे दो। जब रुपए हों तो चेक वापस ले लेना। उसके बताए अनुसार डरे-सहमे पापा ने गांव में ही रहने वाले राहुल के चाचा को चेक दे दिए। अगले दिन 5 जनवरी को राहुल ने फिर फोन किया और बोला कि उसने चेक बाउंस करवा लिया है। अब अगर अपने बेटे को दुबारा बीकानेर हमारा काम करने नहीं भेजा तो हमें धोखाधड़ी के आरोप में जेल करवा देंगे। वो लोग रोज धमकाने लगे। इससे परेशान होकर हमने अब सभी आरोपियों के खिलाफ बीकानेर के जय नारायण व्यास कॉलोनी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करवाई है।

पुलिस बोलीमामले की जांच कर रहे हैं

इस पूरे मामले को लेकर हमने बीकानेर के जय नारायण व्यास कॉलोनी पुलिस स्टेशन के एसएचओ महावीर प्रसाद से बात की। उन्होंने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ FIR रजिस्टर्ड कर ली गई है। फिलहाल इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर सुरेंद्र कुमार मामले की जांच कर रहे है। इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर सुरेंद्र कुमार ने हमें बताया कि राहुल, आशीष, अभिषेक, सुनील, प्रमोद और पंजाब निवासी लोकेश विश्नोई के साथ ही 2-3 अन्य के खिलाफ CRPC की धारा 420, 365, 384, 323, 341 और IPC की धारा 156 के तहत मामला दर्ज हुआ है। जल्दी ही जांच पूरी कर खुलासा करेंगे।