नई दिल्ली(पंजाब वार्ता ब्यूरो)-सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को महापौर चुनाव की नई तारीख का ऐलान हो सकता है। संभवत: बुधवार को महापौर चुनाव होने की संभावना है, क्योंकि दिल्ली नगर निगम एक्ट के अनुसार न्यूनतम 72 घंटे पहले सदन की बैठक का नोटिस पार्षदों को देना होता है। ऐसे में शनिवार को महापौर चुनाव की तारीख आ जाती है तो रविवार की छुट्टी होने की वजह से सोमवर को ही पार्षदों तक नोटिस पहुंच पाएगा। ऐसे में बुधवार को सदन की बैठक बुलाने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। अगर, हालांकि सब कुछ उपराज्यपाल के विवेक पर निर्भर करता है। ऐसे में न्यूनतम समय-सीमा में महापौर का चुनाव कराना है तो बुधवार या बृहस्पतिवार को यह चुनाव कराया जा सकता है।
दिल्ली के महापौर के चुनाव के लिए अब तक चार बार तारीखों की घोषणा हो चुकी है। जबकि तीन बार तो महापौर चुनाव के लिए सदन की बैठक भी हो चुकी है। पर दिल्ली वालों को अभी महापौर नहीं मिल पाया है। यह भी पहली बार हुआ है कि नगर निगम के आम चुनाव होने करीब दो माह बाद भी निगम के महापौर का निर्वाचन नहीं हो पाया है। इतना ही नहीं चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। दिल्ली नगर निगम में महापौर चुनने को लेकर सबसे पहले विवाद मनोनीत सदस्यो (एल्डरमैन) को लेकर ही शुरू हुआ। छह जनवरी को सबसे पहले सदन की बैठक में पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने जब एल्डरमैन को सबसे पहले शपथ के लिए बुलाया तो आम आदमी पार्टी (आप) पार्षदों ने इसका विरोध कर दिया। विरोध हंगामे में बदल गया और बैठक बिना पार्षदों के शपथग्रहण के ही स्थगित हो गई।
इसके बाद 24 जनवरी को दूसरी बैठक भाजपा और आप के पार्षदों में नोंक-झोंक हो गई थी, जबकि छह फरवरी को हुई तीसरी बैठक में भाजपा के पार्षदों की नारेबाजी की वजह से पीठासीन अधिकारी ने यह बैठक स्थगित कर दी थी। चौथी बैठक 16 फरवरी के लिए तय हुई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के चलते उसे रद कर दिया। अब सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर महापौर चुनाव की नई तारीख तय करने का आदेश दिया है। देररात तक निगम कार्यालय में चलती रही तैयारी
महापौर चुनाव के लिए तारीख तय करने को लेकर शुक्रवार को देर रात तक इसकी तैयारी चलती रही। सुप्रीम कोर्ट का लिखित आर्डर निगम के पास आने के बाद दिल्ली नगर निगम सचिव ने पहले यह फाइल निगमायुक्त ज्ञानेश भारती को भेजी और उन्होंने दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के सचिव को भेज दी। निगम का कहना है कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल जो तारीख तय करेंगे उसके लिए निगम तैयार है।
आप के जीतने की संभवाना और बढ़ी
महापौर चुनाव में एल्डरमैन की वोटिंग पर रोक से आम आदमी पार्टी (आप) की जीतने की संभावना और बढ़ गई है। हालांकि शुरू से ही महापौर चुनाव के लिए आंकड़ों का गणित आप के पक्ष में ही था, लेकिन भाजपा द्वारा भी महापौर का प्रत्याशी उतारे जाने को लेकर यह उम्मीद जताई जा रही थी कि आप के कुछ पार्षद क्रोस वोटिंग कर सकते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट
ऐसे तय होती है महापौर चुनाव के लिए तारीख
– निगम सचिव महापौर चुनाव के लिए तारीख का प्रस्ताव निगमायुक्त को भेजता है। इसमें प्रस्तावित तारीख भी होती है।
-निगमायुक्त दिल्ली नगर निगम सचिव के इस प्रस्ताव को शहरी विकास विभाग (सचिव) को भेजता है
-शहरी विकास सचिव दिल्ली के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को यह फाइल देते हैं
-मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री इस फाइल पर दिल्ली नगर निगम द्वारा प्रस्तावित तारीख पर अपनी टिप्पणी करते हैं और दूसरी तारीख का भी सुझाव देते हैं
-निगम की फाइल को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से हस्ताक्षर के बाद उपराज्यपाल को यह फाइल भेज दी जाती है
-उपराज्यपाल इस फाइल पर अंतिम निर्णय लेते हैं, और जो तारीख तय होती है उसी दिन सदन की बैठक बुलाई जाती है।
-उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद फिर फाइल सीधे निगमायुक्त के पास आती है और निगम सचिव उसी आधार पर पार्षदों को बैठक का नोटिस देते हैं।