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FAZILKA–प्रीगाबालिन बेचने वालों के खिलाफ धारा 188 के तहत सख्त कार्यवाई की जायेगी : डिप्टी कमिशनर

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-डॉक्टर की पर्ची पर 75 एम.जी. प्रीगाबालिन कैप्सूल व टेबलेट बेच सकता है मैडीकल संचालक

– प्रीगाबालिन 75 एमजी से अधिक 150/300 मात्रा के कैपसूल/ टेबलेट्स की बिक्री पर मुकम्मल तौर पर पाबंदी

फाजिलका-(दलीप दत्त)-  पंजाब सरकार द्वारा पंजाब को नशामुक्त करने के लिए कड़े कदम उठाये जा रहे हैं। ड्रग कंट्रोलर सुखवंत सिंह, ड्रग इंस्पैक्टर शीशन मित्तल द्वारा उच्चाधिकरियों को एक पत्र लिखकर 300 एमजी व 150 प्रीगाबालिन पर पाबंदी लगाने की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि था कि अक्सर लोग नशे की पूर्ति के लिए प्रीगाबालिन का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने यह प्रार्थना पत्र जिला मैजिस्ट्रेट को भेजा था।

जिला मैजिस्ट्रेट डा सेनू दुग्गल ने फौजदारी विवरण संहिता 1973 की धारा 144 अधीन प्राप्त हुए अधिकारों का प्रयोग करते जिले में प्रीगाबालिन 75 एमजी से अधिक 150/300 मात्रा के कैपसूल/ टेबलेट्स की बिक्री पर मुकम्मल तौर पर पाबंदी लगाई है। उन्होंने निर्देश दिए कि कैमिस्ट द्वारा दवा देने समय प्रिसक्रिपशन स्लिप पर अपनी मोहर लगाई जाएगी और दवा देने की तिथि दर्ज की जाएगी। जारी आदेश अनुसार सिविल सर्जन फाजिल्का के पत्र पर की गई कार्रवाई संबंधी जारी किया गया है। सिविल सर्जन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कैप्सूल का आम लोगों द्वारा मैडीकल नशे के तौर पर सेवन किया जा रहा है। उनके द्वारा कैप्सूल की बिक्री पर धारा 144 सी. आर. पी. सी के अंतर्गत मुकम्मल तौर पर पाबंदी लगाने की मांग की गई।

जारी आदेश जिला फाजिल्का में कैप्सूल/टैबलेट प्रीगैबलिन (75 मिलीग्राम से अधिक150/300 का फार्मूला) के भंडारण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। 2. थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, केमिस्ट/मेडिकल स्टोर के मालिक, अस्पतालों में फार्मेसी या कोई भी अन्य व्यक्ति मूल प्रिस्क्रिप्शन स्लिप के बिना प्रीगैबलिन 75 मिलीग्राम नहीं बेचेगा। प्रीगैबलिन (75 मिलीग्राम तक) की खरीद और बिक्री का उचित रिकॉर्ड रखने के अलावा, वे मूल प्रिस्क्रिप्शन स्लिप पर निम्नलिखित विवरण वाली एक मोहर भी लगाएंगे। केमिस्ट/खुदरा विक्रेता का व्यापारिक नाम ख. वितरण की तिथि ग. वितरित की गई गोलियों की संख्या भी लिखनी होगी

थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, केमिस्ट/मेडिकल स्टोर के मालिक, अस्पतालों में स्थित फार्मेसियों को प्रिस्क्रिप्शन स्लिप का उचित अवलोकन करके यह सुनिश्चित करना होगा कि मूल प्रिस्क्रिप्शन के वितरित किया जा रहा प्रीगैबलिन कैप्सूल/टैबलेट पहले से ही किसी अन्य दवा विक्रेता द्वारा वितरित न किया गया हो। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वितरित की जा रही गोलियों/कैप्सूलों की संख्या प्रिस्क्रिप्शन की अवधि से अधिक न हो।

जो भी व्यक्ति,थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, केमिस्ट/मेडिकल स्टोर  इस आदेश का उल्लंघन करेगा, यह करता पाया गया उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडित किया जाएगा।