अंबाला(पंजाब वार्ता ब्यूरो)-अफसरों की लापरवाही से हरियाणा में 176 करोड़ रुपये का गेहूं सड़ गया। ये वह गेहूं था केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत वंचितों को दिया जाना था। पंजाब से भी 56 करोड़ रुपये का गेहूं सड़ गया।सड़े हुए गेहूं को पशु आहार बनाने वाली कंपनियां और शराब बनाने वाली कंपनियों को बेच दिया जाता है। आरोप है कि इनको लाभ पहुंचाने के लिए गेहूं को सड़ाने का षडयंत्र भी किया जाता है। हरियाणा और पंजाब में फर्क यह है कि पंजाब में हरियाणा से अधिक खरीद हुई थी, फिर भी वहां कम गेहूं सड़ा।दूसरी तरफ हरियाणा में पंजाब खरीद कम हुई, पर यहां अधिक गेहूं सड़ गया। हरियाणा में सात लाख 40 हजार 790 क्विंटल गेहूं यानी 14 लाख 81 हजार 580 बैग गेहूं सड़ गया।इसकी कीमत 176 करोड़ 30 लाख 80 हजार 200 रुपये है। एफसीआइ के महाप्रबंधक अमित भूषण ने कहा कि गेहूं खराब हुआ, पर यह चेक करके ही बता पाएंगे कितने का था ।जेडपीआरएम की मीटिंग में गेहूं सड़ने का मुद्दा उठ चुका है। इस मीटिंग में आठ राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और अपने राज्यों की रिपोर्ट रखते हैं। इन राज्यों में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड शामिल हैं।