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जल सप्लाई व सैनीटेशन कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ब्रांच जलालाबाद की बैठक संपंन

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-जल घरों का पंचायतीकरण/निजीकरण करने के लिए गांवों में आने वाले अफसरों/कर्मचारियों के खिलाफ काली झंडियों के साथ विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान

– पंचायतों को पहले हैडओवर किए जल घर, अधिकतर बंद होने के कारण बने खंडर

जलालाबाद/फाजिलका-(दलीप दत्त)-   जल सप्लाई व सैनीटेशन कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब (रजि.31) की ब्रांच जलालाबाद की बैठक स्थानीय शहीद ऊधम सिंह पार्क में ब्रांच प्रधान गुरमीत सिंह आलमके के नेतृत्व में संपंन हुई। बैठक में प्रांतीय प्रैस सचिव सतनाम सिंह फलियावाला विशेष तौर पर पहुंचे, जबकि जिला उपाध्यक्ष बलविंदर सिंह नूर समंद, कोषाध्यक्ष कुंदन सिंह, ब्लाक महासचिव सतपाल सिंह, सहित भारी तदाद में वर्करों ने शिरकत की व लोकल स्तर पर वर्करों को आ रही मुश्किलों के सबंधी विचार-चर्चा की गई। इस मौके यह भी फैसला किया गया कि जल सप्लाई व सैनीटेशन विभाग ने रूरल जल सप्लाई स्कीमों का पंचायतीकरण/निजीकरण की नीतियों को लागू करने के विरोध में संघर्ष शुरू करते हुए जब भी किसी गांव में विभाग के अफसर, कर्मचारी, वल्र्ड बैंक के नुमाईदे जोकि पंचायतीकरण व निजीकरण करने की नीतिया लागू करने के लिए आएंगे, वहां पर यूनियन की ओर से काली झंडियों के साथ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। प्रांतीय प्रैस सचिव सतनाम सिंह फलियांवाला ने कहा कि लोग प्रत्येक चीज पर सरकार को टैक्स देते है, जिसके बदले सरकार की ओर से लोगों को सिहत, बिजली, पानी, सडक़े, शिक्षा आदि बुनियादी सुविधाओं का प्रबंध करने की जिंमेवारी होती है, मगर अब सरकार, लोगों के पीने वाले पानी की अति बुनियादी सुविधा का स्वयं प्रबंध करने की अपेक्षा पंचायतीकरण के नाम तले केंद्र सरकार के राह पर चल कर निजीकरण करने की नीकिया लागू कर रही है। जिसके तहत ही सारे पंजाब में नहरी पानी सप्लाई के लालच से विश्व बैंक की सहायता से ब्लाक स्तरीय बड़े बड़े मैगा प्रोजैक्ट लगाने के लिए निजी कंपनियों के साथ समझौता किया गया है। यह प्रोजैक्ट मुकंमल होने के बाद पानी सप्लाई की जिंमेवारी प्राइवेट कंपनियों के हवाले कर दी जाएगी, जिससे यहां एक तरफ लोगों को पानी महंगे रेट पर मिलेगा, वहीं विभाग में कई वर्षों से सेवाएं दे रहे हजारों की तदाद में ठेका मुलाजिमों का रोजगार छीन कर बेरोजगार किया जाएगा। इस लिए इस सरकारी विभाग का निजीकरण व पंचायतीकरण होने से बचाना समय की बड़ी जरूरत है क्योंकि गरीब व मध्य वर्ग के लोगों को भी पानी सप्लाई मिलती है। इस लिए संघर्ष कर रही जत्थेबंदी को आम लोगों के साथ की भी जरूरत है जिससे लोग विरोधी नीतियों को लागू होने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि ऐतिहास गवाह है कि पिछले समय के दौरान सरकार के आदेशों तहत विभाग की ओर से पंचायतों को हैड ओवर की जल सप्लाई स्कीमों में से अधिकतर बंद हो चुकी है। जिसका मुखय कारण पंचायतों के पास जल सप्लाई स्कीम को चलाने के लिए ना तो तकनीकी तजुर्बा है और ना ही अमदन के साधन हैं। जिसके चलते फाजिल्का जिले में भी कई गांवों में पंचायतों के पास हैड ओवर की स्कीमें बंद हो चुकी है और वहां के लोग पानी से तरस रहे हैं, मगर फिर भी सरकार व विभाग, लोग विरोधी नीतियां लागू करने की कोशिशें कर रहा है, जिसको जत्थेबंदी किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देगी और विरोध किया जाएगा, इस दौरान किसी भी तरह का नुकसान होने पर सीधे रूप में विभागी अधिकारियों व सरकार की होगी। उन्होंने मांग की कि जल घरों का पंचायतीकरण व निजीकरण बंद किया जाए, पिछले 10-15 वर्षों से सेवाएं दे रहे इनलिस्टमैंट व आऊटसोर्स कर्मचारियों को विभाग में शामिल करके स्थाई रोजगार का प्रबंध किया जाए।