You are currently viewing IMA ने केन्द्र को लिखा पत्र, देश में सभी प्रकार के मांझों को प्रतिबंधित करने की अपील

IMA ने केन्द्र को लिखा पत्र, देश में सभी प्रकार के मांझों को प्रतिबंधित करने की अपील

  • Post author:

दिल्ली-(पंजाब वार्ता ब्यूरो )-आईएमए ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को देश में मांझा के सभी प्रकार पर प्रतिबंध लगाने के लिए पत्र लिखा है। मांझा द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बढ़ते खतरे को उजागर करते हुए, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा कि मांझे के सभी प्रकार पर रोक लगाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी नीति की आवश्यकता है।आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद कुमार अग्रवाल ने 14 फरवरी को भेजे गए पत्र में कहा, “चिकित्सकों के रूप में, हम यह प्रमाणित कर सकते हैं कि कांच, धातु या किसी अन्य तेज सामग्री से लिपटे सूती धागे खतरनाक हैं और मनुष्यों के साथ-साथ पक्षियों के लिए भी चोट या मौत का कारण बन सकते हैं।” आईएमए ने कहा कि चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और त्रिपुरा जैसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सभी प्रकार के मांझे पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर रहे हैं। जिसमें कांच, धातु या अन्य तेज सामग्री से लिपटे सूती धागे भी शामिल हैं।पत्र में कहा गया कि यह अभी शुरुआत है। इसी दौरान सभी प्रकार के मांझे को प्रतिबंधित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी नीति की आवश्यकता है। आईएमए ने पत्र में कहा, “सादे सूती धागे से पतंगबाजी सभी के लिए मजेदार हो सकती है। हम अनुरोध करते हैं कि कृपया मंत्रालय देश भर में सभी प्रकार के मांझे पर प्रतिबंध लगा दे।आईएमए ने पत्र में कहा है कि लोगों ने घातक मांझों की वजह से अपनी जान गंवाई है। पिछले कुछ हफ्तों में मांझे ने नागपुर में 11 साल के बच्चे को, भावनगर में दो साल के बच्चे को, भिवंडी में 47 साल के युवक को, पुणे में 45 साल के युवक को अपना शिकार बनाया है। नदियाड में 35 वर्षीय व्यक्ति, वडोदरा में 30 वर्षीय व्यक्ति, सूरत में 52 वर्षीय व्यक्ति और मेहसाणा में तीन वर्षीय बच्चा भी इसकी वजह से मारा गया। इसके साथ ही, न जाने कितने ही अनगिनत अन्य लोगों को भी इन मांझों ने गंभीर रूप से घायल किया है।पेटा ने आईएमए को किया धन्यवाद पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने मांझा से उत्पन्न खतरों को दूर करने के लिए आईएमए को धन्यवाद दिया। पेटा के भारत वकालत अधिकारी फरहत उल ऐन ने कहा, “नायलॉन, चीनी मांझे के अलावा कांच के पाउडर और धातु से प्रबलित मांझे से होने वाले खतरों को दूर करने के लिए हम इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आभारी हैं। बच्चों और जानवरों सहित किसी के पास भी इसका सामना करने के लिए कोई उपाय नहीं है। इंसानों के पास ऐसे घातक हथियारों के खिलाफ कोई मौका नहीं है।ऐन ने कहा कि जनवरी 2023 में, गुजरात में मांझे से 10 से अधिक लोगों की मौत हुई और राज्य में 14 से 15 जनवरी के बीच 1,281 दुर्घटनाएं हुईं। उन्होंने कहा कि जालंधर में हाल ही में एक 11 वर्षीय लड़के की धातु से बनी पतंग की डोर ओवरहेड हाई-टेंशन तार के संपर्क में आ गई थी, जिसके कारण उसके शरीर का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा जल गया था।